स्टीयरिंग व्हील
बिना पावर स्टीयरिंग वाली कारें ड्राइवर को अच्छा रोड फीडबैक देती हैं। बिना फ़िल्टर किए गए स्टीयरिंग व्हील द्वारा हाथों को अनफ़िल्टर्ड रोड फीडबैक से ड्राइवर रोचक और दिलकश ड्राइविंग अनुभव महसूस करता है। यहां तक कि ९० के दशक के अंत और २००० की शुरुआत में निर्मित कारें बहुत अच्छी थीं, उनके पास हाइड्रॉलिक रूप से सहायक पावर स्टीयरिंग था; जिससे ड्राइवर को सड़क से अविरल जानकारी के साथ चलने में मदद मिलती थी, लेकिन आजकल; अधिकांश कारों में पावर स्टीयरिंग होता है जो इलेक्ट्रॉनिक रूप से सहायता प्राप्त कराता है और विद्युत मोटर को या तो चालू या बंद किया जा सकता है। इसलिए, रोड फीडबैक जानना मुश्किल है, हालांकि कुछ इलेक्ट्रिक पावर स्टीयरिंग जैसे होंडा सिविक की तरह असाधारण रूप से अच्छे हैं। किसी तरह इन नए पावर स्टीयरिंग ने सड़क से उस फीडबैक और जानकारी को चुरा लिया। इलेक्ट्रॉनिक पावर स्टीयरिंग व्हील रोचक ड्राइविंग का अनुभव कम किये जा रहा है ।
मैनुअल हैंड ब्रेक
मैनुअल हैंडब्रेक खींचने के लिए आपको अपनी सारी शक्ति का उपयोग करने की आवश्यकता होती है। मैनुअल पार्किंग ब्रेक सरल, सुरक्षित और विश्वसनीय होतें हैं। यहां तक कि अगर आप उसमे किसी भी प्रकार की तकनीकी समस्या का सामना करते हैं, तो स्थानीय मैकेनिक की मदद से उसे ठीक करना आसान और सस्ता होता है । कार एंथुजिएस्ट इलेक्ट्रॉनिक ब्रेक से ज्यादा मैनुअल हैंड ब्रेक पसंद करते हैं। दूसरी ओर इलेक्ट्रॉनिक हैंड ब्रेक को इस्तेमाल करना काफी आसान होता है; इलेक्ट्रॉनिक हैंड ब्रेक एक लग्जरी फीचर है। इलेक्ट्रॉनिक हैंड ब्रेक का डिज़ाइन स्लीक होता है और छोटी जगह में समां जातें है । चूंकि यह इलेक्ट्रॉनिक है, इसमें कई इलेक्ट्रिक पार्ट जुड़े हुए हैं और इसलिए इलेक्ट्रॉनिक हैंड ब्रेक के उचित कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए आपको एक विशेषज्ञ द्वारा नियमित रूप से कार ब्रेक की जांच करवानी होगी।
वज़न
कार अब एक ड्राइविंग अनुभव नहीं बल्कि सिर्फ एक संख्या बन के रह चुकी है। हॉर्सपावर और औसत फ्यूल इकोनॉमी नंबर गेम्स के कारण कार का वजन घट रहा है। ड्राइविंग अनुभव भी मायने रखता है और न केवल गति और शक्ति है लेकिन दुर्भाग्य से, हम ड्राइविंग अनुभव खो रहे हैं। प्रमुख उदाहरण है सुजुकी स्विफ्ट की दूसरी पीढ़ी का कर्ब वेट १०३० किलोग्राम था, चौथी पीढ़ी का कर्ब वेट ८७० किलोग्राम है। आजकल कारों में फील के बजाय केवल पावर और फ्यूल इकॉनमी नंबरों को बताया जाता हैं। वॉक्सवैगन, फोर्ड और फिएट इस नियम के अपवाद हैं।
इंजन साउंड
९० और २००० के दशक में कई कारों में नैचुरली एस्पिरेटेड इंजन आतें थे और टर्बोचार्ज्ड नहीं होतें थे । २०२० का दशक टर्बोचार्ज्ड कारों का दशक है। उत्सर्जन नियमन, पर्यावरण, सामाजिक तत्वों की वजह से, आज कई कारों को इंजन डाउनसाइज़िंग का सामना करना पड़ रहा हैं। इंजनों का संशोधन इतना अच्छा है कि इंजन साउंड लगभग न के बराबर है । कई कारें इतनी अच्छी तरह से इंसुलेटेड होती हैं कि ऑटोमोबाइल निर्माताओं को स्पीकर की मदद से केबिन में वापस आवाज लगानी पड़ती है। कुछ करें जैसे फोर्ड एस्पायर पेट्रोल, फोर्ड फिगो और इकोस्पोर्ट्स से बिल्कुल शानदार इंजन ग्रन्ट सुनाई देता हैं।
अद्वितीय स्टाइलिंग
आधुनिक कारें आकार में बड़ी और बड़ी होती जा रही हैं। आधुनिक कारों में भारी फ्रंट ग्रिल, नकली वेंट्स और नकली एग्जॉस्ट वास्तव में अजीब दिखतें हैं। सुरक्षा, ऐरोडायनेमिक्स और अन्य चीजें अस्तित्व में आ गई हैं और कार के डिजाइन खराब होए लग गए हैं। लेकिन कुछ दशक पहले ऐसा नहीं था। डिजाइन इतने खराब नहीं थे। लेकिन अगर आप कुछ और दशक पीछे जाते हैं, तो कारों को खूबसूरती से डिज़ाइन किया गया था जैसे अमेरिकी मसल कार, यूरोपीय स्पोर्ट्स कार, क्लासिक इटालियन डिज़ाइन हाउस।
फिजिकल बटन
नए जमाने की कारों में डिजिटल टच स्क्रीन के माध्यम से सब कुछ नियंत्रित होता है; जो वास्तव में ड्राइवर को विचलित करता है। ड्राइवर को ए/सी कंट्रोल, इंफोटेनमेंट और वॉल्यूम अभिगम करने के लिए मेन्यू स्वाइप करने के लिए सड़क से निगाहें हटानी होंगी। यहां तक कि मारुति ऑल्टो और रेनॉल्ट क्विड जैसी एंट्री लेवल कारों के टॉप वेरिएंट में टच स्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम मिलता है। गेस्चर कण्ट्रोल अविश्वसनीय रूप से मजेदार है लेकिन पुराने बटन और नॉब से बेहतर और कुछ नहीं है। बटन ड्राइवर को ड्राइविंग करते समय विचलित हुए बिना ए / सी नियंत्रण, म्यूजिक सिस्टम नियंत्रण और वेन्टीलेटेड सीट नियंत्रण तक काफी आसानी से पंहुचा जा सकता था । फिजिकल बटन को वास्तव में काफी हलके में लिया गया और उन्हें धीरे धीरे करके छीनना शुरू कर दिया।
सेफ्टी फीचर्स
इसमें कोई संदेह नहीं है कि पिछले कुछ वर्षों में कार सुरक्षा में हर मायने में काफी सुधार हुआ है लेकिन कभी-कभी यह स्थिति को और खराब कर देता है। ब्रेक असिस्ट, लेन कीप असिस्ट जैसी सुरक्षा प्रणाली समय से पहले काम करना शुरू कर देती है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो जाती है जब ब्रेक असिस्ट सिस्टम; ब्रेक को बहुत तेज़ी से डिप्रेस करता है और कार ओवरस्टीयर हो जाती है। अगर स्मार्ट चाबी की बैटरी खत्म हो जाती है, तो पुश स्टार्ट बटन काम नहीं करता है क्योंकि कार को लगता है कि आपके पास चाबी ही नहीं है।
रखरखाव और सरलता
कुछ साल पहले जब किसी को रास्तों के बीच ब्रेकडाउन का सामना करना पड़ता था, तो वह विशेष स्पेयर पार्ट्स और ओ इ एम द्वारा निर्मित जटिल उपकरणों के बिना में शान्ति से समस्या को ठीक कर सकता था, जिसे न तो डायग्नोस्टिक केबल खरीदने की आवश्यकता होती थी; जिसका उपयोग केवल प्रोफेशनल के द्वारा किया जा सकता है। हालांकि ऑटो मोबाइल निर्माता रोड साइड असिस्टेंस की सेवा प्रदान करते हैं लेकिन स्थानिक मैकेनिक से बेहतर और कुछ नहीं । जब कार की वारंटी समाप्त हो जाती है, तो यह निश्चित है कि कार मालिक की जेब ढिल्ली हो गयी । विश्वसनीयता पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। टोयोटा का एक उदाहरण लें, वह लंबे समय तक चलती रहती है।
कीमत
वर्ष २०११ में होंडा सिटी की तीसरी पीढ़ी को रुपए ७ लाख की कीमत पर लांच किया गया था, लेकिन वर्ष २०२० में हौंडा सिटी की कीमत रूपए ११ लाख लाख है। हर तीन से चार साल में कार की पावर, सुरक्षा और आराम में आकस्मित बदलाव आतें है । कुछ कारें इसके लिए अपवाद हैं और वास्तव में उनकी कीमत में ज्यादा इज़ाफ़ा नहीं हुआ हैं। यदि आप तकनीकी बनाम कार के कीमत की तुलना करते हैं, तो कारों को आम तौर पर एक ही कीमत पर लांच किया जाता है लेकिन आम आदमी की औसत आय में इतना इज़ाफ़ा नहीं हुआ है इसीलिए वो हर ३ साल में नई कार नहीं खरीद सकता और इसलिए भारत में कारों का औसत स्वामित्व 6 से 7 साल है।
पढ़ने में आसान इंस्ट्रूमेंट पैनल
एनालॉग इंस्ट्रूमेंट पैनल पढ़ने में आसान थे। यह सरल और आसान हुआ करता था। चालक एक नज़र में सभी आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकता था लेकिन अब गति, ईंधन और आरपीएम जानने में कम से कम दो से तीन बार देखना पड़ता है । आज कल के नई कारों के इंस्ट्रूमेंट पैनल पर टैकोमीटर का टैक पीछे चला जाता है जिससे चालक भ्रमित हो जाता है। इसके अलावा, लाल या नीले रंग की बैकग्राउंड पर लाल सुई, ईंधन गेज और और मल्टी इनफार्मेशन डिस्प्ले पढ़ना काफी दिक्कत भरा हो जाता है।
यदि आप कुछ और फीचर्स जानते है जो धीरे धीरे करके लुप्त हो रहे है और इस सूचि में नहीं है तो कमेंट करके बताएं।